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बाल्मिकीनगर

लगभग ८८० वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला बिहार का एक मात्र राष्ट्रीय उद्यान नेपाल के राजकीय चितवन नेशनल पार्क से सटा है। बेतिया से ८० किलोमीटर दूर बाल्मिकीनगर के इस राष्ट्रीय उद्यान का भीतरी ३३५ वर्ग किलोमीटर हिस्से को १९९० में देश का १८ वाँ बाघ अभयारण्य बनाया गया। हिरण, चीतल, साँभर, तेंदुआ, नीलगाय, जंगली बिल्ली जैसे जंगली पशुओं के अलावे चितवन नेशनल पार्क से एकसिंगी गैडा औ‍र जंगली भैंसा भी उद्यान में दिखाई देते है।

वाल्मिकीनगर राष्ट्रीय उद्यान के एक छोड़ पर महर्षि बाल्मिकी का वह आश्रम है जहाँ राम के त्यागे जाने के बाद देवी सीता ने आश्रय लिया था। सीता ने यहीं अपने ‘लव’ और ‘कुश’ दो पुत्रों को जन्म दिया था। महर्षि वाल्मिकी ने हिंदू महाकाव्य रामायण की रचना भी यहीं की थी। आश्रम के मनोरम परिवेश के पास ही गंडक नदी पर बनी बहुद्देशीय परियोजना है जहाँ १५ मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है और यहाँ से निकाली गयी नहरें चंपारण के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्से में सिंचाई की जाती है। गंडक बैराज के आसपास का शांत परिवेश चित्ताकर्षक है। बेतिया राज के द्वारा बनवाया गया शिव-पार्वती मंदिर भी दर्शनीय है।

फोटो गैलरी

  • वाल्मीकि नगर हाइडल-प्रोजेक्ट
    वाल्मीकि नगर हाइडल प्रोजेक्ट
  • वाल्मीकि नगर (भारत-नेपाल)-बैराज
    वाल्मीकि नगर (भारत-नेपाल) बैराज
  • वाल्मीकि-आश्रम
    वाल्मीकि आश्रम